अपने व्यवसाय से खूब धन कमाओ और उसे उत्तम कार्यों में खर्च करो, इससे तुम्हारी यश, कीर्ति बढ़ेगी । (अथर्ववेद ३/२४/५) वेदों में धनोपार्जन की महत्ता को स्वीकार किया गया है । मनुष्य केवल अपने दोनों हाथों से एक ही कार्य न करें बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी सहयोग लेकर सैकड़ों हाथों से
9 अक्टूबर
2019
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