विद्वान तथा बुद्धिमान लोग अपने ज्ञान से, चिंतन-मनन और अनुभव से यह जानते हैं कि हर पदार्थों में परमात्मा हैं। वही सम्पूर्ण जगत को आश्रय देता है। उसी से सारी सृष्टि प्रकट होती है । सभी प्राणी उसी से पैदा होते हैं और प्रलयकाल में उसी में विलीन हो जाते हैं । ( यजुर्वेद ३२/८
31 जनवरी
2020
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