अच्छे, बुरे सभी कर्म मनुष्य से ही होते हैं । दुर्बलता मनुष्य के लिए अज्ञानता का प्रतीक है । श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए आत्मबल प्राप्त करना चाहिए । यह तभी सम्भव है जब मनुष्य बुराइयों को त्यागकर सन्मार्ग पर चले । ( अथर्ववेद २/११/१ )…..
24 मार्च
2020
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