जीव और ईश का एक अनोखा जोड़ा है, जो कभी एक दूसरे से न अलग हुआ है और न कभी हो सकता है । अलग-अलग स्थावर-जंगम आदि शरीरों में रहने वाला ‘जीव’ और समष्टि-व्यष्टि रूप से कण-कण में व्यापक सबका मूल तत्त्व ‘ईश्वर’ है । जीव का परम पुरुषार्थ एक मात्र भगवत्प्रेम अर्थात् ईश्वर से
9 अगस्त
2020
2020