वैदिक यात्रा ऑनलाइन क्लासेस
आज जहाँ एक ओर सम्पूर्ण मानव जाति कोविड -१९ कोरोना महामारी के प्रकोप से पीड़ित है वही दूसरी ओर पूरा विश्व हमारे सनातन धर्म का लोहा मान रहा है जिन सनातन संस्कारों का तुच्छ समझकर नकार दिया गया था उन्हीं संस्कारों को जीवन में अपनाने के कारन ही आज सम्पूर्ण मानव सभ्यता की रक्षा हो पा रही है I
याति त्राति रक्षतीति वेदानुकूल वेदशास्त्र सम्मत या यात्रा सा वैदिक यात्रा
yaati traati rakshateeti vedaanukool vedashaastr summat ya yaatra sa vaidik yaatra

आप को अवगत कराते हुए परम हर्ष हो रहा है कि भारतीय शिक्षा जगत में पहली बार भागवत सेवा संस्था के तत्वावधान में वैदिक यात्रा गुरुकुल परिवार में उन्हीं संस्कारों ,धर्म क्रियाओं एवं देववाणी संस्कृत के साथ -साथ ज्योतिष आदि विषयों का अध्ययन!
वैदिक सनातन प्रामाणिक धर्म शास्त्रों के आधार पर प्रारम्भ किया जा रहा है आप आज ही हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और आध्यात्मिक तथा पूर्ण वैज्ञानिक तथ्यों को समझते हुए अपने नित्य प्रतिदिन की जीवन शैली को कल्याण कारी बनायें
ऑनलाइन क्लासेस प्रमुख पाठ्यक्रम
आप को अवगत कराते हुए परम हर्ष हो रहा है कि भारतीय शिक्षा जगत में पहली बार भागवत सेवा संस्था के तत्वावधान में वैदिक यात्रा गुरुकुल परिवार में उन्हीं संस्कारों ,धर्म क्रियाओं एवं देववाणी संस्कृत के साथ -साथ ज्योतिष आदि विषयों का अध्ययन I
वैदिक ज्योतिष
वैदिक ज्योतिष वेद का एक प्रमुख अंग है I जिसे नेत्र कहा जाता है I
नेत्र के बिना संसार अंधकारमय है, उसी प्रकार ज्योतिष शाश्त्रारुपी नेत्र के बिना भूत , वर्तमान तथा भविष्यरुपी संसार एवं प्रत्येक कार्य जो भौतिक या अभौतिक है सब अंधकारमय है I अतः वैदिक ज्योतिष शाश्त्र द्वारा वर्तमान व भविष्य का ज्ञान करना, प्रत्येक कार्य को मुहूर्त के अनुसार करके सफलता प्राप्त करना I
वास्तुशास्त्र भी इसी का अङ्ग है इस शास्त्र के द्वारा अपने घर, ऑफिस अन्य सम्बन्धित भूमि पर निर्माण आदि कार्य श्रेष्ठ तरीके से करके समस्याओं का हल निकलना ये सब ज्योतिष शास्त्र के द्वारा ही सम्भव है I कुण्डली फलादेश के माध्यम से आप अपना और परिवार के साथ -साथ अन्य का भी भूत, वर्तमान तथा भविष्य जाने I
पाठ्यक्रम
- ज्योतिष-शास्त्र परिचय
- पञ्चाङ्ग की जानकारी
- मुहूर्त ज्ञान
- कुण्डली निर्माण प्रक्रिया
- लघुपाराशरी ज्ञान
- फलादेश विज्ञान
- ज्योतिष और योग
- ज्योतिष और रोग
- हस्तरेखा सामान्य परिचय
- अङ्क ज्योतिष सामान्य परिचय
- वास्तु-शाश्त्र सामान्य परिचय
- ज्योतिष-शाश्त्र और विज्ञान
अवधि : ३ मास
१:३० घण्टा प्रतिदिन , सप्ताह में २ कक्षाएं ( शनिवार एवं रविवार )
यदुपचितमन्यजन्मनि शुभाशुभं तस्य कर्मणः पक्तिम् I व्यञ्जयति शास्त्रमेतत्तमसी द्रव्याणि दीप इव II