श्रीराम कथा

धर्म के साक्षात् विग्रह भगवान् श्रीराम और उनकी कथा मानव को मानव धर्म बताने वाली तथा समाज में मानवता की प्रतिष्ठा करने वाली एक दिव्य चेतना है । आज वर्तमान समय में परिवारों को आपस में कैसे जोड़ा जा सकता है ? मित्रता कैसी होनी चाहिए ? स्वामी - सेवक आदि के धर्म का दिग्दर्शन कराने वाली यह एक दिव्य कथा है ।

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

Lōkābhirāmaṁ raṇaraṅgadhīraṁ rājīvanētraṁ raghuvanśanātham. Kāruṇyarūpaṁ karuṇākaraṁ taṁ śrīrāmacandraṁ śaraṇaṁ prapadyē.

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श्रीराम कथा भगवान् राम की कथा है, जो भगवान् विष्णु के २४ अवतारों में १७ वें अवतार हैं ।

महर्षि श्री वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण एवं गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा संकलित श्रीरामचरितमानस जैसे दिव्य ग्रन्थ, भगवान् श्रीराम के जीवन का दर्पण है । वाल्मीकीय रामायण में भगवान् श्रीराम के मानवीय चरित्र तथा श्रीरामचरितमानस में मानव चरित्र के साथ श्रीराम के ऐश्वर्य रूप-लीला का भी वर्णन है ।

सर्वप्रथम श्रीराम कथा, भगवान् शंकर ने माता पार्वती को सुनाई, जिसे कौए के रूप में श्रीकागभुषुण्डिजी ने भी सुना तथा उन्होंने, भगवान् नारायण के वाहन गरुड़ समेत अनेक भक्तजनों  को सुनाई ।  इसी प्रकार ऋषि याज्ञवल्क ने मुनि भरद्वाज को सुनाई तथा आगे गुरु शिष्य परम्परा से श्रीराम कथा का प्रचार होने लगा ।

श्रीरामकथा हमें क्या सिखाती है?

श्रीराम कथा की सबसे बड़ी सीख है कि किस प्रकार संघशक्ति द्वारा बुराई पर अच्छाई की, अधर्म पर धर्म की जीत संभव है । श्रीराम कथा हमें प्रत्येक परिस्तिथि में जीना सिखाते हुए मर्यादा पूर्ण जीवन जीने की सीख देती है ।

श्री रामचरितमानस में सात काण्ड क्रमशः बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लङ्काकाण्ड तथा उत्तरकाण्ड हैं ।

श्रीरामचरितमानस एवं रामायण में अंतर

गोस्वामीजी कहते हैं रामायण" का अर्थ है राम का मंदिर, राम का घर, जब हम मंदिर जाते हैं तो कई नियम होते हैं । नहाकर, साफ होकर, निश्चित समय पर जाना होता है ।

परन्तु; सरोवर में जाते समय कोई शर्त नहीं होती, कोई पाबंदी नहीं होती । व्यक्ति जब मैला होता है, गन्दा होता है, तभी सरोवर में स्नान करने जाता है । इसलिए जो शुद्ध हो चुके हैं, वे रामायण के भवन में प्रवेश करें और जो शुद्ध होना चाहते हैं, वे श्रीरामचरितमानस के सरोवर में स्नान करें ।

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आनन्दकानने ह्यस्मिमञ्जङ्गमस्तुलसीतरु: ।
कवितामञ्ञरी भाति रामभ्रमरभूषिता ॥

कथा नवाह्न क्रम:

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